कच्ची मिट्टी है दिल भी इंसान भी देखने ही में सख्त लगता है आंसू पोंछें के आंसू के निशाँ खुश्क होने में वक़्त लगता है
ज़ख्म दीखते नहीं अभी लेकिन ठन्डे होंगे तोह दर्द निकलेगा तैश उतरेगा वक़्त का जब भी चेहेरा अन्दर से ज़र्द निकलेगा
Kind Regards,
J Chopra
Story / Song writer
Mr.chopra@yahoo.com
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